जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्त धाम शिवपुर में पावे॥ पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥ वेद नाम महिमा तव गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥ दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥ जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्तवास शिवपुर में पावे॥ https://jaibhole.co.in/home/Shree-Shiv-Chalisa