मनुष्य के जीवन में चाहे आन्तरिक शत्रु जैसे काम, क्रोध, लोभ,मोह, अहंकार आदि हों या बाहर के शत्रु हों तो जीवन की गति थम सी जाती है शब्द साँचा पिंड कांचा फुरो मन्त्र ईश्वरोवाचा भैरव और भैरवी समागम साधना एक कर्म बन चुका था और कामरूप देश का विचार तेजी https://beauyghbo.blogsvila.com/32322029/5-essential-elements-for-shabar-mantra